स्रोत के पर्यायवाची शब्द
-
अक्षर
अच्युत, स्थिर
-
अक्षित
क्षय न होने वाला, जिसका क्षय न हुआ हो
-
अंध
जिसे दिखाई न देता हो, नेत्रहीन , बिना आँख का , अंधा , जिसकी आँखों में ज्योति न हो , जिसमें देखने की शक्ति न हो
-
अधोगति
पतन, गिराव, गिरावट, उतार, महत्त्व या प्रतिष्ठा मान आदि न रह जाने की स्थिति या भाव
-
अप
उलटा , विरुद्ध , बुरा , हीन , अधिक
-
अपगा
नदी
-
अंबु
आम, रसाल
-
अंभ
जल, पानी
-
अमृत
वह वस्तु जिसके पीने से जीव अमर हो जाता है, पुराणनुसार समुद्रमंथन से निकले १४ रन्तों में से एक, सुधा, पीयूष, निर्जर
- अर्ण
-
आँख
आँख का दृष्टि-क्षेत्र या दृष्टि-सीमा या जहाँ तक आँख से देखा जा सकता हो
- आधार
- आप
-
आपगा
जल का वह प्राकृतिक प्रवाह जो किसी पर्वत से निकलकर निश्चित मार्ग से होता हुआ समुद्र या किसी दूसरे बड़े जल प्रवाह में गिरता है, नदी
-
आयुध
युद्ध क्षेत्र में काम आने वाले अस्त्र या हथियार, युद्ध का साधन, शस्त्र
-
इंद्रिय
वह शक्ति जिससे बाहरी विषयों का ज्ञान प्राप्त होता है, वह शक्ति जिससे बाहरी वस्तुओं के भिन्न-भिन्न रूपों का भिन्न-भिन्न रूपों में अनुभव होता है
- इरा
-
उत्पत्ति
अस्तित्व में आने या उत्पन्न होने की अवस्था, क्रिया या भाव, आविर्भाव, उद्भव
-
उत्स
स्त्रोत
-
उद्गम
वह स्थान आदि जहाँ से किसी वस्तु आदि की व्युत्पत्ति होती है
- उमा
-
उर्वीजा
पृथ्वी से उत्पन्न सीता
-
ऊर्ज
बलवान, शक्तिमान, बली
-
ऋतु
प्राकृतिक अवस्थाओं के अनुसार वर्ष के दो-दो महीनों के छह विभाग, मौसम
-
ओज
विषम, अयुग्म
-
क
हिंदी वर्णमाला का पहला व्यंजन वर्ण, इसका उच्चारण कंठ से होता है, इसे स्पर्श वर्ण भई कहते हैं, ख, ग, घ और ङ इसके सवर्ण हैं
-
कबंध
पीपा , कंडल
- करण
-
कर्षू
कंडे की आग
-
कूलंकषा
सरिता, नदी
- क्षीर
-
काड
एक प्रकार की मछली जो उत्तर की और ठंढे समुद्रों में पाई जाती है
-
कान
वह इँद्रिय जिससे शब्द का ज्ञान होता है , सुनने की इँद्रिय , श्रवण , श्रुति , श्रोत्र
- कीलाल
-
गंगा
भारतवर्ष की एक प्रधान नदी जो हिमालय से निकलकर 1560 मील पूर्व को बहकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है, जाह्नवी, भागीरथी
-
गंभीर
जिसकी थाह जल्दी न मिले, नीचा, गहरा
-
गहन
गंभीर, इतना या ऐसा गहरा जिसकी थाह जल्दी न मिले (जलाशय), गहरा, अथाह
-
घनरस
जल, पानी
-
चुटिया
बालों की वह लट जो सिर के बीचोबीच रखी जाती है , शिखा , चुंदी , (हिंदू, चीनी आदि इस प्रकार की शिखा रखते हैं )
- चश्मा
- चोटी
-
छेद
छेदन, काटने का काम
-
ज्ञानेंद्रिय
वे इंद्रियाँ जिनसे जीवों क्रो विषयों का बोध या ज्ञान होता है , ज्ञानोंद्रियाँ पाँच हैं,-दर्शनें— द्रिय, श्रवणेंद्रिय, घ्रणोंद्रिय, रसना और स्पर्शेंद्रिय
-
जड़
जिसमें चेतनता न हो, अचेतन
-
जनकदुलारी
सीता, जानकी, राजा जनक की पुत्री तथा राम की पत्नी
-
जनकनंदिनी
सीता, जानकी
-
जल
पानी, नीर
-
जलमाला
मेघमाला, बादलों का समूह
-
जलाशय
जल में रहने या शयन करने वाला
-
जानकी
जनक की पुत्री सीता, राम की पत्नी
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
© 2024 Rekhta™ Foundation. All Right Reserved.
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा