सुख के पर्यायवाची शब्द
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अंध
जिसे दिखाई न देता हो, नेत्रहीन , बिना आँख का , अंधा , जिसकी आँखों में ज्योति न हो , जिसमें देखने की शक्ति न हो
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अंबु
आम, रसाल
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अंभ
जल, पानी
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अक्षर
अकारादि वर्ण, हर्फ़, मनुष्य के मुख से निकली हूई ध्वनि को सूचित करने का संकेत या चिह्न
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अक्षित
क्षय न होने वाला, जिसका क्षय न हुआ हो
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अधोगति
पतन
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अप
'आप' का संक्षिप्त रुप जो यौगिक शब्दों में आता है , जैसे—अपस्वार्थि , अपकाजी
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अमृत
जो मृत या मरा हुआ न हो, अर्थात् जीवित
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अर्ण
वर्ण , अक्षर
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अहिवात
सौभाग्य , सुहाग , सोहाग
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आनंद
हर्ष, प्रसन्नता, ख़ुशी, सुख, मोद, आह्लाद
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आप
जल
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आमोद
प्रसन्नता
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आयुध
युद्ध क्षेत्र में काम आने वाले अस्त्र या हथियार, युद्ध का साधन, शस्त्र
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आराम
आराम, विश्राम
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आह्लाद
आनंद, ख़ुशी, हर्ष
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इरा
गुस्सा, अभिमान, स्वाभिमान
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उत्कर्ष
श्रेष्ठता
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उद्यान
बाड़ी, बाग़, फुलबाड़ी
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उपचार
व्यवहार
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उपवन
बाग , फुलवारी
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उल्लास
हर्षातिरेक, उमङ्ग
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ऊर्ज
बलवान, शक्तिमान, बली
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ऋतु
प्राकृतिक अवस्थाओं के अनुसार वर्ष के दो-दो महीनों के छह विभाग, मौसम
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ऐश्वर्य
धन-संपत्ति, वैभव, विभूति
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ओज
कृपणता, किफायतदारी, कार्पण्य, जैसे, —वह बहुत ओज से खर्च करता है
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क
क्यों, कहो
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कबंध
पीपा , कंडल
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कल्याण
मंगल , शुभ , भलाई
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कांड
बाँस, नरकट या ईख आदि का वह अंश जो दो गाँठो के बीच में हो, पोर, गाँडा, गेंडा
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कीलाल
अमृत , जल
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कुशल
(व्यक्ति) जिसने कोई काम अच्छी तरह करने की शिक्षा पाई हो, प्रशिक्षित तथा योग्य चतुर, दक्ष, प्रवीण, चतुर, होशियार
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केलि
खेल , क्रीड़ा
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क्रीड़ा
कल्लोल, केलि, आमोद-प्रमोद, खेलकूद
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क्षीर
दूध
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क्षेम
किसी प्रकार की विपत्ति, संकट, हानि आदि से किसी की रक्षा करने का काम, प्राप्त वस्तु की रक्षा, सुरक्षा
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गंभीर
नीच तल बाला
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गमन
चालि, गति
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गहन
गंभीर, इतना या ऐसा गहरा जिसकी थाह जल्दी न मिले (जलाशय), गहरा, अथाह
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गौरी
पार्वती, आठ वर्ष की कन्या
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घनरस
जल, पानी
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चैन
निश्चिन्त आनन्द सुख
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जल
पानी, नीर
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जीवन
वृत्ति जीविका, प्राणप्या परमप्रिय, प्राणा धारण, जिन्दगी
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ताम
पाप, व्याकुलता, क्लेश, दिखावा
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दुर्गा
(पुराण) एक प्रसिद्ध देवी जिसका दुर्गा नाम दुर्ग राक्षस का वध करने के कारण पड़ा था, आदि शक्ति
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धृति
धारण, धरने या पकड़ने की क्रिया
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नंदा
ननद, कुमाऊँ चंदवंश के सजाओं की एक बहन जिसे कदलीवन में लघुशंका निवारण के समय एक भैंसे ने मार दिया तथा जो पौरा- णिक गाथानुसार पूज्य नंदादेवी (दुर्गा) हो गयी, दुर्गादेवी; नंदाष्टमी-भाद्रपद की अष्टमी, जब नंदा और नैनादेवी के मेले लगते हैं; दे० -नैना
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ननद
पति की बहन, ननद
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निधुवन
स्त्री आदि के साथ पुरुष आदि का समागम, मैथुन
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