स्वामी के पर्यायवाची शब्द
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अंतर्यामी
ईश्वर, परमात्मा, चैतन्य, पर्मश्वर, पुरुष
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अकालपुरुष
परमात्मा, ईश्वर, परम ब्रह्म
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अक्षय
जिसका क्षय न हो, अनश्वर, सदा बना रहने वाला, कभी न चुकने वाला
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अक्षर
अकारादि वर्ण, हर्फ़, मनुष्य के मुख से निकली हूई ध्वनि को सूचित करने का संकेत या चिह्न
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अगुण
जिसमें गुण न हो. 2. निर्गुण
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अगोचर
जो इन्द्रियों के द्वारा न जाना जा सके, इन्द्रियातीत,
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अग्रणी
जो किसी भी क्षेत्र का प्रमुख हो, अगुआ, प्रधान, मुखिया
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अचल
स्थिर, दृढ़
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अच्युत
विष्णु और उनके अवतारों का नाम
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अज
जिसका जन्म न हो, जन्म के बंधन से रहित, अजन्मा, स्वयंभू
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अज्ञेय
न जानने योग्य, जो समझ में न आ सके, बुद्धि की पहुँच के बाहर का, ज्ञानातीत, बोधागम्य
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अधिकारी
प्रभु, स्वामी, मालिक
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अधिप
स्वामी, मालिक
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अधिपति
दे० अधिपति
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अधिभू
स्वामी, प्रधान व्यक्ति, किसी देश का प्रधान शासक और स्वामी
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अधीश
प्रभु, मालिक, स्वामी
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अनंत
जिसका अंत न हो, जिसका पार न हो, असीम, बेहद, अपार
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अनादि
जिसका आदि न हो, आदि रहित, जिसका आदि या आरंभ न हो
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अपद
बिना पैर के रेगनेवाले जंतु, जैसे—साँप, केचुआ, जोंक आदि
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अमृत
जो मृत या मरा हुआ न हो, अर्थात् जीवित
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अयोनि
जो योनि से उत्पन्न न हुआ हो , अजन्मा
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अलख
जो दिखाई न पड़े, जो नज़र न आए, अदृश्य, अप्रत्यक्ष
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अव्यय
कारकसम्बन्धरहित शब्द, जेना अहा, आओर इत्यादि
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अहि
साप
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आचार्य
उपनयन के समय गायत्री मंत्र का उपदेश करने वाला, गुरु
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आदमी
आदम की संतान, मनुष्य, मानव
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इच्छा
अभिलाषा, लालख, चाह, आकांक्षा
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ईश
स्वामी , मानिक
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ईशान
स्वामी, अधिति, प्रभु
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ईशिता
आठ प्रकार की सिद्धियों में से एक जिससे साधक सब पर शासन कर सकता है
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ईश्वर
शिव ब्रह्मा, स्वामी, कामदेव
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उपपति
वह पुरुष जिससे किसी दूसरे पुरुष की विवाहिता स्त्री प्रेम करती हो, जार, लगुवा
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उपयुक्त
अनुरूप
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उपाध्याय
वेद वेदांग का पढ़ानेवाला, शास्त्रज्ञ विद्वान
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उरग
साँप, सर्प; नाग
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ऐश्वर्य
धन-संपत्ति, वैभव, विभूति
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कंचुकी
अँगिया, चोली
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कद्रुज
सर्प, नाग, साँप
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कर्कट
दे० 'कर्क' ; सारस विशेष ; घिया; कमल की जड़ , भसिंडा; तराजू की डंडी के सिरे जिसमें पलड़ों की रस्सियाँ बाँधी जाती हैं; सँड़सा ; वृत्त की त्रिज्या, ८. नृत्य में एक प्रकार का हस्तक
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कांत
स्त्री की दृष्टि से उसका विवाहित पुरुष, पति, शौहर
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कांति
पति, शौहर
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कारक
व्याकरण में संज्ञा या सर्वनाम शब्द की वह अवस्था जिसके द्वारा किसी वाक्य में उसका मिया के साथ संबंध प्रकट होता है, ये छः होते हैं—कर्ता, कर्म, करण, सम्प्रदान, अपादान, अधिकरण
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कार्तिकेय
(पुराण) कृत्तिका नक्षत्र में उत्पन्न शिव के बड़े पुत्र जो युद्ध के देवता कहे जाते हैं, स्कंद, षडानन, मयूरकेतु, क्रौंचारि
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कालिंग
कालिंग देश का निवासी
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कीर्ति
ख्याति, यश
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कुंडली
जलेबी
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कुमार
अविवाहित, युवराज
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कूटस्थ
सर्वोच्च पद पर स्थित ; अटल अचल ; अविनाशी
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केलि
खेल , क्रीड़ा
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क्षत्रिय
हिंदुओं के चार वर्णों में से दूसरा वर्ण, राजपूत
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