थकावट के पर्यायवाची शब्द
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अप्रसन्नता
नाराज़गी, असंतोष, विरक्ति
- अफ़सोस
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अवसाद
नाश, क्षय
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आलस्य
कार्य करने में अनुत्साह, सुस्ती, काहिली, आलस का भाव, तंद्रा, शिथिलता
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उद्यम
वह कार्य जो कोई उद्देश्य सिद्ध करने के लिए किया जाए, प्रयास, प्रयत्न
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उद्योग
कारख़ाना (इंडस्ट्री)
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उपक्रम
पोषित प्रतिष्ठान, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, उद्यम
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उपाय
वह कार्य या प्रयत्न जिससे अभीष्ट तक पहुँचा जाए, पास पहुँचना, निकट आना
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ऊँघ
ऊँघाई, निद्रागम, झपकी, अर्धनिद्रा
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क्लांति
परिश्रम, आयास
- कष्ट
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कोशिश
प्रयत्न, चेष्टा, उद्योग, श्रम
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खेद
अप्रसन्नता, दु:ख, रंज
- ग्लानि
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घृणा
घिन, नफरत
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चेष्टा
शरीर के अंगों की वह गति या अवस्था जिससे मन का भाव या विचार प्रकट हो, वह कायिक व्यापार जो आंतरिक विचार या भाव का द्योतक हो, शारीरिक व्यापार, भावभंगिमा
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जड़ता
अचेतनता
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ढिलाई
आलस्य, शिथिलता, ढीलाढीला
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ढीलापन
ढीला होने का भाव, शिथिलता, सुस्ती
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तंद्रा
थकित, क्लांत
- ताप
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थकान
थकने का भाव, थकावट, शिथिलता
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दुख
'दुःख'
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दुर्बलता
बल की कमी, कमज़ोरी, बल या शक्ति न होने या बहुत कम होने की अवस्था या भाव
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प्रयत्न
वह क्रिया जो किसी कार्य को विशेषतः कुछ कठिन कार्य को पूरा करने के लिए की जाए, वह शारीरिक या मानसिक चेष्टा जो किसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए की जाती है, विशेष यत्न, प्रयास,अध्यवसाय, चेष्टा, कोशिश
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प्रयास
प्रयत्न, उद्योग, कोशिश
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परिश्रम
उद्यम, आयास, श्रम, क्लेश, मेहनत, मशक्कत
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पसीना
शरीर में मिला हुआ जल जो अधिक परिश्रम करने अथवा गरमी लगने पर सारे शरीर से निकलने लगता है । प्रस्वेद । स्वेद । श्रमवारि । विशेष—पसीना केवल स्तनपायी जीवों को होता है । ऐसे जीवों के सारे शरीर में त्वचा के नीचे छोटी छोटी ग्रंथियाँ होती हैं जिनमें से रोमकूपों में से होकर जलकणों के रूप में पसीना निकलता है । रासायनिक विश्लेषण से सिद्ध होता है कि पसीने में प्रायः वे ही पदार्थ होते हैं जो मूत्र में होते हैं । परंतु वे पदार्थ बहुत ही थोड़ी मात्रा में होते हैं , पसीने में मुख्यतः कई प्रकार के क्षार, कुछ चर्बी और कुछ प्रोटीन (शरीरधातु) होती है , ग्रीष्मऋतु में व्यायाम मा अधिक परिश्रम करने पर, शरीर में अधिक गरमी के पहुँचने पर या लज्जा, भय, क्रोध, आदि गरहे आवेगों के समय अथवा अधिक पानी पीने पर बहुत पसीना होता है , इसके अतिरिक्त जब मूत्र कम आता है तब भी पसीना अधिक होता है , औषधों के द्वारा अधिक पसीना लाकर कई रोगों की चिकित्सा भी की जाती है , शरीर स्वस्थ रहने की दशा में जो पसीना आता है, उसका न तो कोई रंग होता है और न उसमें कोई दुर्गंध होती है , परंतु शरीर में किसी भी प्रकार का रोग हो जाने पर उसमें से दुर्गंध निकलने लगती हैं , क्रि॰ प्र॰—आना , —छूटना , —निकलना , —होना
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पीड़ा
किसी प्रकार का दुःख पहुँचाने का भाव, शारीरिक या मानसिक क्लेश का अनुभव, वेदना, व्यथा, तकलीफ, दर्द
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बीमारी
शरीर, मन आदि को अस्वस्थ करने वाली असामान्य अवस्था
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मंदता
आलस्य
- मशक़्क़त
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मेहनत
श्रम, परिश्रम, विशेषतः शारीरिक परिश्रम, मानसिक परिश्रम
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माँदगी
बीमारी, रोग
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यत्न
नैयायिकों के अनुसार रूप आदि ४ गुणों के अंतर्गत एक गुण जो तीन प्रकार का होता है— प्रवृत्ति, निवृत्ति और, जीवनयोनि
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रुज
भंग, भोग
- रोग
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वेदना
दुःख या कष्ट आदि का होने वाला अनुभव, पीड़ा, व्यथा, तकलीफ़, विशेषतः प्रसव के समय स्त्रियों को होने वाला कष्ट
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व्याधि
रोग, बीमारी
- विश्रांति
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शैथिल्य
शिथिल होने का भाव, शिथिलता, ढिलाई
- श्रम
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श्रांति
श्रम, परिश्रम, मेहनत
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शिथिलता
कसे या जकड़े न रहने का भाव, ढीलापन, ढिलाई
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संताप
अग्नि या धूप आदि का ताप , जलन , आँच
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स्वेद
पसीना, प्रस्वेद
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