उद्यम के पर्यायवाची शब्द
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अध्यवसाय
लगातार उद्योग, यत्न, अविश्रांत परीश्रम, निसीम उद्यम, दृढ़ता पूर्वक किसी काम में लगा रहना
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आरंभ
किसी कार्य की प्रथमावस्था का संपादन, शुरू, प्रारंभ, श्रीगणेश, आरब्ध, शुरूआत, आग़ाज़, इब्तिदा, अनुष्ठान
- इच्छा
- उत्साह
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उद्घात
ठोकर, धक्का, आघात
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उद्योग
कारख़ाना (इंडस्ट्री)
- उपक्रम
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उपाय
वह कार्य या प्रयत्न जिससे अभीष्ट तक पहुँचा जाए, पास पहुँचना, निकट आना
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उमंग
चित्त का उभाड़, सुखदायक मनोवेग, जोश, मौज, लहर, आनंद, उल्लास, जैसे—आज उनका चित्त बड़े उमंग में है
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ऊर्जा
शक्ति, बल
- कष्ट
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कोशिश
प्रयत्न, चेष्टा, उद्योग, श्रम
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चेष्टा
शरीर के अंगों की वह गति या अवस्था जिससे मन का भाव या विचार प्रकट हो, वह कायिक व्यापार जो आंतरिक विचार या भाव का द्योतक हो, शारीरिक व्यापार, भावभंगिमा
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जीविका
वह वस्तु या व्यापार जिससे जीवन का निर्वाह हो, भरण पोषण का साधन, जीवनोपाय, वृत्ति
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तेज
दीप्ति , कांति , चमक , दमक , आभा
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त्वरा
शीघ्रता, जल्दी
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थकावट
थकने का भाव, शिथिलता, क्रि॰ प्र॰—आना
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दृढ़
जो शिथिल या ढीला न हो, जो खूब कल— कर बँधा या मिला हो, प्रगाढ़, जैसे,—दृढ़ बंधन या गाँठ, दृढ़ आलिंगन
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दर्प
अपने आपको औरों से बहुत अधिक योग्य, समर्थ या बढ़कर समझने का भाव, घमंड , अहंकार , अभिमान , गर्व , ताव
- धंधा
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प्रथम
गणना में जिसका स्थान सबसे पहले हो, जो गिनती में सबसे पहले आए, पहला
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प्रयत्न
वह क्रिया जो किसी कार्य को विशेषतः कुछ कठिन कार्य को पूरा करने के लिए की जाए, वह शारीरिक या मानसिक चेष्टा जो किसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए की जाती है, विशेष यत्न, प्रयास,अध्यवसाय, चेष्टा, कोशिश
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प्रयास
प्रयत्न, उद्योग, कोशिश
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परिश्रम
उद्यम, आयास, श्रम, क्लेश, मेहनत, मशक्कत
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पसीना
शरीर में मिला हुआ जल जो अधिक परिश्रम करने अथवा गरमी लगने पर सारे शरीर से निकलने लगता है । प्रस्वेद । स्वेद । श्रमवारि । विशेष—पसीना केवल स्तनपायी जीवों को होता है । ऐसे जीवों के सारे शरीर में त्वचा के नीचे छोटी छोटी ग्रंथियाँ होती हैं जिनमें से रोमकूपों में से होकर जलकणों के रूप में पसीना निकलता है । रासायनिक विश्लेषण से सिद्ध होता है कि पसीने में प्रायः वे ही पदार्थ होते हैं जो मूत्र में होते हैं । परंतु वे पदार्थ बहुत ही थोड़ी मात्रा में होते हैं , पसीने में मुख्यतः कई प्रकार के क्षार, कुछ चर्बी और कुछ प्रोटीन (शरीरधातु) होती है , ग्रीष्मऋतु में व्यायाम मा अधिक परिश्रम करने पर, शरीर में अधिक गरमी के पहुँचने पर या लज्जा, भय, क्रोध, आदि गरहे आवेगों के समय अथवा अधिक पानी पीने पर बहुत पसीना होता है , इसके अतिरिक्त जब मूत्र कम आता है तब भी पसीना अधिक होता है , औषधों के द्वारा अधिक पसीना लाकर कई रोगों की चिकित्सा भी की जाती है , शरीर स्वस्थ रहने की दशा में जो पसीना आता है, उसका न तो कोई रंग होता है और न उसमें कोई दुर्गंध होती है , परंतु शरीर में किसी भी प्रकार का रोग हो जाने पर उसमें से दुर्गंध निकलने लगती हैं , क्रि॰ प्र॰—आना , —छूटना , —निकलना , —होना
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बल
ऐंठन , मरोड़ , वह चक्कर या घुमाव जो किसी लचीली या नरम वस्तु को बढ़ाने या घुमाने से बीच बीच में पड़ जाय , पेच , क्रि॰ प्र॰—पड़ना , —होना
- मशक़्क़त
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मेहनत
श्रम, परिश्रम, विशेषतः शारीरिक परिश्रम, मानसिक परिश्रम
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यत्न
नैयायिकों के अनुसार रूप आदि ४ गुणों के अंतर्गत एक गुण जो तीन प्रकार का होता है— प्रवृत्ति, निवृत्ति और, जीवनयोनि
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रोज़गार
चीज़ें बनाकर या खरीदकर, उसे बेचने का काम
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व्यवसाय
वह कार्य जिसके द्वारा किसी की जीविका का निर्वाह होता हो, जीविका, जैसे,—दूसरों की सेवा करना ही उसका व्यवसाय है
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व्यस्तता
किसी कार्य आदि में व्यस्त होने या रहने की अवस्था या भाव
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शक्ति
योग्य, क़ाबिल, समर्थ
- श्रम
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शौर्य
शूर का भाव, शूरता, पराक्रम, वीरता, बहादुरी, शूर का धर्म
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संकल्प
कोई कार्य करने की वह इच्छा जो मन में उत्पन्न हो, विचार, इरादा
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स्वेद
पसीना, प्रस्वेद
- साहस
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