उपस्थ के पर्यायवाची शब्द
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अधर
नीचे का ओठ
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अपथ
वह मार्ग जो चलने योग्य न हो, बीहड़ राह, विकट मार्ग
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इंद्रिय
वह शक्ति जिससे बाहरी विषयों का ज्ञान प्राप्त होता है, वह शक्ति जिससे बाहरी वस्तुओं के भिन्न-भिन्न रूपों का भिन्न-भिन्न रूपों में अनुभव होता है
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उत्फुल्ल
खिला हुआ, विकसित , फूला हुआ
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कलत्र
पत्नी
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गर्भाशय
स्त्रियों या मादा पशुओं के पेट का वह स्थान जिसमें गर्भ या बच्चा रहता है, बच्चादानी, कोख
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गुह्य
छल, कपट, दंभ
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चिन्ह
चिन्ह , निशान ; पहचान
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जन्मवर्त्म
योनि, भग
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जरायु
वह झिल्ली जिसमें बच्चा बँधा हुआ उत्पन्न होता है, आँवल, खेढ़ी, उल्व
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डिंबाशय
गर्भाशय
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देवमूर्ति
किसी देवी या देवता की प्रतिमा
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धरा
पृथ्वी, जमीन, धरती
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ध्वज
दे-धज
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निशान
तेज़ करना, सान पर चढ़ाना
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पुरुष जननेंद्रिय
पुरुष का वह जनन अंग जिससे संभोग किया जाता है
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पुरुषेंद्रिय
पुरुष का वह जनन अंग जिससे संभोग किया जाता है
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पुष्पी
पुष्पयुक्त, जिसमें फूल लगे हों
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पेड़ू
नाभि और मूत्रेंद्रिय के बीच का स्थान , उपस्थ
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प्रकृति
किसी पदार्थ या प्राणी का वह विशिष्ट भौतिक सारभूत तथा सहज व स्वाभाविक गुण जो उसके स्वरूप के मूल में होता है और जिसमें कभी कोई परिवर्तन नहीं होता, मूल या प्रधान गुण जो सदा बना रहे, तासीर
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प्रतिमा
किसी की वास्तविक अथवा कल्पित आकृति के अनुसार बनाई हुई मूर्ति या चित्र आदि, अनुकृति
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प्रतीक
प्रतिकूल, विरुद्ध
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भग
ऐश्वर्य , विभूति जो छः प्रकार की है, यथा-ऐश्वर्य, धर्म, यश, लक्ष्मी, ज्ञान और योनि ; योनि के सहस्र चिह्न जो अहल्या के शाप से इंद्र के शरीर पर बन गये थे
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मेढ़
खेत या बाँध में बनाई गई ऊँची मिट्टी की सीमा
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मेहन
शिशन, लिंग
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योनि
वह कन्या जिसका पुरुष के साथ संसर्ग न हुआ हो
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रतिकुहर
स्त्री की जनन इंद्रिय
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रतिगृह
योनि, भग
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रत्यंग
योनि, भग
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रागलता
कामदेव की स्त्री, रति
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लक्षण
चिन्ह, निशान, शरीर में देख पड़ने वाली रोग के चिन्ह
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ललाक
शिश्न, लिंगेंद्रिय
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लांगूल
दुम, पूँछ, पुच्छ
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लिंग
व्याकरण में वह तत्व जिससे पुरुष और स्त्रीवाची शब्दों के भेद का पता लगता है
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वरांग
भेड़ की ऊन
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विभेदक
भेदन करने वाला, काटने या छेदने वाला
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व्यंग
मंडूक , मेंढक
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शेफ
लिंग, शिश्न
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साधन
निष्पादन
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सेफ
देखिए : 'शेफ'
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स्त्रीचिह्न
योनि, भग, स्तन आदि जो स्त्री होने के चिह्न हैं
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स्मरकूप
भग, योनि
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स्मरमंदिर
योनि, भग
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