विचार के पर्यायवाची शब्द
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अनुसंधान
पश्चादगमन, पीछे लगना
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अपांग
आँख का कोना, आँख की कोर, तिरछी नज़र, कटाक्ष
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अभिप्राय
आशय, मतलब, अर्थ, तात्पर्य, गरज
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अभियोग
अपराध की योजना, दोषारोपण, आक्षेप, किसी पर लगाया गया आरोप
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अवसाद
नाश, क्षय
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अस्तित्व
सत्ता का भाव, विद्यमानता, मौजूदगी
- आचरण
- आचार
- आत्मा
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आंतरिक
जो अंदर का हो, भीतरी, अंदरूनी
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आलोचन
दर्शन
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आलोचना
किसी वस्तु के गुण दोष का विचार, गुण-दोष-निरूपण
- आशय
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इक़रार
प्रतिज्ञा, वादा, वचन, किसी से दृढ़ता या प्रतिज्ञापूर्वक यह कहने की क्रिया कि हम अमुक काम अवश्य करेंगे अथवा कभी नहीं करेंगे
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उक्ति
कथन, वचन
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उत्कंठा
प्रबल इच्छा, तीव्र अभिलाषा, लालसा, चाव, उत्सुकता
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उद्वेग
चित्त की आकुलता, घबराहट
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उसूल
सिद्धांत
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ऊहापोह
किसी विषय में कुछ निश्चय न होने की दशा में मन में होने वाला तर्क-वितर्क या सोच-विचार
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कृतांत
अंत या नाश करने वाला
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कल्पना करना
कल्पना करना
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कामना
इच्छा, हार्दिक इच्छा, मनोरथ
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कोरक
एक प्रकार का मोटा और मजबूत बेत जो आसाम और बरमा में होता है और जिसकी छड़ियाँ बनती हैं
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ख़याल
किसी राग या रागिनी के समस्त शास्त्रीय लक्षणों से युक्त गेय पद या गीत
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ख़याल रखना
लिहाज़ रखना, किसी की उपेक्षा न करना
- गुप्त
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गवेषणा
खोज , अन्वेषण , तलाश , छानबीन
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चेत
चित्त की वृत्ति, चेतना, संज्ञा, होश
- चरित
- चरित्र
- चलन
- चित्
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चिंतन
किसी वस्तु या विषय का स्वरूप जानने या समझने के लिए मन में रह-रहकर उसका किया जाने वाला ध्यान या स्मरण, किसी बात को बार-बार मन में लाने की क्रिया, ग़ौर, ध्यान, बार-बार स्मरण
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चिंतना
चिंतन करना, ध्यान करना, स्मरण करना
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चिंता
ध्यान, भावना
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ज्ञान
वस्तुओं और विषयों की वह भावना जो मन या आत्मा को हो, बोध, जानकारी, प्रतीति, क्रि॰ प्र॰—होना
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जाँच-पड़ताल
छानबीन; संवीक्षा
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जीव
प्राणियों का चेतन तत्व, जीवात्मा, आत्मा
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जीव
प्राणियों का चेतन तत्व, जीवात्मा, आत्मा
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तर्कना
देखिए : 'तर्कणा'
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त्रास
देखिए : 'तराश'
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दुख
'दुःख'
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दुखद
'दुःखद'
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दलील
तर्क, युक्ति
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दृष्टिकोण
देखने या समझने का अंदाज, विचार
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दोषारोपण
किसी पर दोष का आरोप करना, कलंक लगाना, इल्ज़ाम लगाना, लांछन लगाना
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ध्यान
बाह्म इंद्रियों के प्रयोग कि बिना केवल मन में लाने की क्रिया या भाव , अतःकरण में उपस्थित करने की क्रिया या भाव , मानसिक प्रत्यंक्ष , जैसे, किसी देवता का ध्यान करना, किसी प्रिय व्यक्ति का ध्य़ान करना
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धर्म
किसी व्यक्ति के लिए निश्चित किया गया कार्य-व्यापार; कर्तव्य
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धर्मशास्त्र
वह शास्त्र जिसमें धर्म के विषय में अध्ययन किया जाता है , किसी जनसमूह के लिये उचित आचार व्यवहार की व्यवस्था जो किसी महात्मा या आचार्य की ओर से होने के कारण मान्य समझी जाती हो , वह ग्रंथ जिसमें समाज के शासान के निर्मित्त नीति और सदाचार संबंधी नियम हों, पौराणिक ग्रंथ जैसे, मानव धर्मशास्त्र
- धारणा
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