विलास के पर्यायवाची शब्द
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अंगज
शरीर से उत्पन, तन से पैदा, जो अंग से उत्पन्न हुआ हो
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अतनु
शरीररहित, बिना देह का, बीना अंस का
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अदेह
बिना शरीर का
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अनंग
बिना शरीर का, देहरहित
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अनुरक्ति
आसक्ति, अनुराग, प्रीति, भक्ति
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अनुराग
प्रीति, प्रेम, असक्ति, प्यार, मुहब्बत, लगाव
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अभिनय
दूसरे व्यक्तियों के भाषण तथा चेष्टा को कुछ काल के लिए धारण करना, नाटय-मुद्रा, स्वाँग, नक़ल
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अभिलाष
इच्छा, मनोरथ, कामना, चाह
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अभिलाषा
इच्छा, कामना, आकांक्षा, अभिलाष
- अलंकार
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आकांक्षा
इच्छा, अभिलाषा, वांछा, चाह
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आत्मभू
अपने शरीर से उत्पन्न
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आनंद
हर्ष, प्रसन्नता, ख़ुशी, सुख, मोद, आह्लाद
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आयोजन
कार्यक्रम, समारोह
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आसक्ति
अनुरक्ति, लिप्तता, आसक्त होने की क्रिया अवस्था या भाव
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इच्छा
एक मनोवृत्ति जो किसी ऐसी वस्तु की प्राप्ति की ओर ध्यान ले जाती है जिससे किसी प्रकार के सुख की संभावना होती है , कामना , लालसा , अभिलाषा , चाह , ख्वाहिश
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ईहा
चेष्टा
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कुट्टमित
सुख के अनुभव—काल में स्त्रियों की मिथ्या दुःख- चेष्टा, यह ग्यारह प्रकार के हावों में से एक माना गया है, हेमचंद्र ने इसे स्त्रियों के दस प्रकार के अलंकारों में माना है
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क्रिया-कलाप
शास्त्रानुसार किए जाने वाले कर्म, शास्त्र द्वारा निर्दिष्ट संस्कार और कर्म
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क्रीड़ा
कल्लोल, केलि, आमोद-प्रमोद, खेलकूद
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केलि
खेल , क्रीड़ा
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कुसुमसर
कामदेव
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कुसुमायुध
कामदेव, ई॰— 'प्रियवर', मैं तव ह्वद्रय की नहीं जानती बात, संतापित करता मुझे कुसुमायुध दिन रात, —शकुं, पृ॰,
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कांक्षा
इच्छा, अभिलाषा, चाह
- काम
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कामुकता
सहवास या मैथुन की इच्छा
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कामक्रीड़ा
कामकेलि, संभोग, रतिक्रिया, रतिक्रीड़ा
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कामकेलि
स्त्री-पुरुष का समागम, रतिक्रिया, कामक्रीड़ा
- कामद
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कामना
इच्छा, हार्दिक इच्छा, मनोरथ
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खेलक
खेलनेवाला व्यक्ति, वह जो खेले, खिलाड़ी
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खेला
क्रीड़ा, खेल, मनबहलाव
- गमन
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ग्राम्यकर्म
ग्रामवालों का पेशा
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गोचर
जिसका ज्ञान इंद्रियों द्वारा हो सके
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घर्षण
रगड़, घिस्सा
- चरित्र
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छद्मवेश
दूसरों को धोखा देने के लिए बनाया हुआ वेश, बदला हुआ वेश, कृत्रिम वेश, बनावटी परिधान, कपटवेश
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ढोंग
वह आचरण, काम आदि जिसमें ऊपरी बनावट का भाव रहता है
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तृष्णा
प्राप्ति के लिए आकुल करने वाली तीव्र इच्छा, लोभ, लालच
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दर्पक
दर्प करने वाला व्यक्ति
- दोहद
- नख़रा
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नर्म
परिहास, हँसी ठट्ठा, दिल्लगी
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नाटक
नाट्य या अभिनय करने वाला , नट, अभिनय करने या स्वाँग दिखाने वाला पुरुष
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निधुवन
स्त्री आदि के साथ पुरुष आदि का समागम, मैथुन
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पंचशर
कामदेव के पाँच वाण
- पदार्थ
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प्रद्युम्न
कामदेव, कंदर्प
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प्रसंग
विवेचन विषय अथवा बातचीत का वह पहले वाला अंश जिसके संबंध में अब कुछ और कहा जा रहा हो, विवेच्य विषय का स्वरूप और परंपरा
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