विश्वास के पर्यायवाची शब्द
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अंत
वह स्थान जहाँ से किसी वस्तु का अंत हो, सामाप्ति, आख़िर, अवसान, इति
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अनुभव
प्रयोगों से प्राप्त किया हुआ ज्ञान, महसूस करना
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अनुरक्ति
आसक्ति , प्रीति , रति , भक्ति
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अभिमत
स्वीकृतिप्राप्त
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अवलंब
आश्रय, आधार, सहारा, भरोसा, शरण, पड़ाव, जीवन निर्वाह का आधार
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अहसास
ऐसा मानसिक व्यापार जिसकी बाहरी प्रतिक्रिया तो नहीं होती फिर भी जिससे सुख-दुख का अनुभव होता है
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आदर
मान
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आधार
आश्रय, अवलम्ब
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आभास
अन्दाज, संदेह, संकट, झूठा दिखावा, मिथ्या, ज्ञान
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आशा
अप्राप्त के पाने की इच्छा और थोड़ा बहुत निश्चय
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आश्रय
वह जिसका सहारा लेकर या जिसके आसरे पर रहा जाय, अवलंब, सहारा
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आश्वास
सांत्वना, दिलासा, तसल्ली, आशाप्रदान, २ किसी कथा का एक भाग
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आस्था
श्रद्धा, विश्वास, निष्ठा
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ईमान
धर्म और ईश्वर के प्रति होने वाली आस्था, विश्वास, आस्तिक्व बुद्धि
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उत्कर्ष
श्रेष्ठता, उत्तमता
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उपवेद
विद्याएँ जो वेदों से निकली हुई कही जाती हैं, ये चार हैं- (१) धनुर्वेद- जिसे विश्वामित्र ने यजुर्वेद से निकाला (२) गंधर्व वेद- जिसे भरतमुति ने सामवेद से निकाला (३) आयुर्वेद- धन्वंतारि ने ऋर्ग्वद से निकाला (४) स्थापत्य- जिसे विश्वकर्मी ने अथर्ववेद से निकाला
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एतबार
विश्वास , प्रीति , धाक , साख
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ऐतबार
विश्वास, आस्था
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खरापन
विशुद्ध होने की अवस्था या भाव, खरा का भाव
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ज्ञान
वस्तुओं और विषयों की वह भावना जो मन या आत्मा को हो, बोध, जानकारी, प्रतीति, क्रि॰ प्र॰—होना
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ठहराव
स्थिरता
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दीन
जिसकी दशा हीन हो, दरिद्र, निर्धन, ग़रीब
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दृष्टिकोण
देखने या समझने का अंदाज, विचार
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धर्म
किसी व्यक्ति के लिए निश्चित किया गया कार्य-व्यापार; कर्तव्य
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धारणा
कोई विश्वास या विचार; निश्चित मति या मानसिकता
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ध्यान
बाह्म इंद्रियों के प्रयोग कि बिना केवल मन में लाने की क्रिया या भाव , अतःकरण में उपस्थित करने की क्रिया या भाव , मानसिक प्रत्यंक्ष , जैसे, किसी देवता का ध्यान करना, किसी प्रिय व्यक्ति का ध्य़ान करना
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निगम
मार्ग, पथ, रास्ता
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निश्चय
पक्का, अवश्य
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निष्ठा
स्थिति ; एकाग्रता ; दृढ़ता; विश्वास ; अनुराग ; श्रद्धा; निष्पत्ति
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नैतिकता
नैतिक होने की अवस्था या भाव
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प्रतीति
जानकारी; विश्वास , दृढ़ निश्चय
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प्रत्यक्षज्ञान
प्रत्यक्ष दर्शन से प्राप्त ज्ञान, वह ज्ञान जो प्रत्यक्ष दर्शन से प्राप्त हो, चाक्षुष प्रमाण
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प्रत्यय
विश्वास , मत ; प्रमाण ; विचार ; ज्ञान ; व्याकरण में वह अक्षर या अक्षर समूह, जो शब्दों के अंत में लगकर अर्थ का विकास करता है
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बुद्धि
वह शक्ति जिसके अनुसार मनुष्य किसी उपस्थित विषय के संबंध में ठीक ठीक विचार या निर्णय करता है , विवेक या निश्चय करने की शक्ति , अक्ल , समझ
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भक्ति
सेवा, पूजा, श्रद्धा, आस्था, आदर भाव, उपासना, शास्त्र में भक्ति नौ प्रकार की कही गई है यथा- श्रवण, कीर्तन, स्मरण, पाद-सेवन, अर्चन, वंदन, दास्य, सख्य और आत्म निवेदन
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भरोसा
अवलम्ब, सहारा
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भाष्य
सूत्रों की विशद व्याख्या, पतंजलिकृत महाभाष्य
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मति
दे. मत निषेधवाची निपात
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मन
प्राणियों में वह शक्ति या कारण जिससे उनमें वेदना, संकल्प, इच्छा द्वेष, प्रयत्न, बोध और विचार आदि होते हैं , अंतःकरण , चित्त
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मान्यता
मानने का भाव, मान्य होने का भाव, मान्य होना
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मिथ्या ज्ञान
किसी को कुछ और ही या दूसरा समझने की क्रिया या भाव
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यक़ीन
यकीन, विश्वास, भरोसा
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विचार
निर्णय, भावना, न्यायालय, का वादी प्रतिवादी के विषय में निश्चय
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विचारणा
विचार करने की क्रिया या भाव
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वेदपाठ
वेदों का सस्वर पठन
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वेदवाक्य
वेद का कोई वाक्य
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व्यवसाय
वह कार्य जिसके द्वारा किसी की जीविका का निर्वाह होता हो, जीविका, जैसे,—दूसरों की सेवा करना ही उसका व्यवसाय है
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व्यवस्था
प्रबन्ध, इन्तजाम
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व्यापार
कर्म, कार्य, काम
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व्रत
कार्तिक तथा चैत शुक्ल षष्ठी को मनाया जाने वाला व्रत जिसमें सूर्य की पूजा होती है, छठ व्रत
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