विश्वंभर के पर्यायवाची शब्द
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अंगति
अग्निहोत्री
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अंतरपुरुष
अंतःकरण में स्थित जीव को प्रेरित करने वाला ईश्वर
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अंतर्ज्योति
धर्मग्रंथों द्वारा मान्य वह सर्वोच्च सत्ता जिसे सृष्टि का स्वामी माना जाता है, अंतर्यामी, परमेश्वर
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अंतर्यामी
ईश्वर, परमात्मा, चैतन्य, पर्मश्वर, पुरुष
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अंबरीष
वह मिट्टी का बरतन जिसमें लोग गर्म बालू डालकर दाना भूनते हैं, भाड़
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अंबुजाक्ष
विष्णु
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अकाय
जो बिना शरीर या काया के हो, कायारहित, बिना शरीरवाला, देहरहित
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अकारण
बिना कारण का, हेतुरहित, बिना वजह का
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अकाल
कुसमय दुर्भिक्ष
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अकालपुरुष
परमात्मा, ईश्वर, परम ब्रह्म
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अक्षय
जिसका क्षय न हो, अनश्वर, सदा बना रहने वाला, कभी न चुकने वाला
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अक्षर
अच्युत, स्थिर, अविनाशी, नित्य
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अगम
जहाँ कोई जा न सके, न जाने योग्य, पहुँच के बाहर, दुर्गम, अवघट
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अगाध
जिसकी गहराई या थाह का पता न चले, अथाह, बहुत गहरा, अतल स्पर्श
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अगुण
जिसमें गुण न हो. 2. निर्गुण
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अगोचर
जो इन्द्रियों के द्वारा न जाना जा सके, इन्द्रियातीत,
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अच्युत
च्युत न होने वाला , स्थिर , नित्य , अमर , अविनाशी
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अच्युतानंद
आनंदस्वरुप परमात्मा, ईश्वर
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अज
जिसका जन्म न हो, जन्म के बंधन से रहित, अजन्मा, स्वयंभू
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अजन्मा
जन्म-रहित , जिसका जन्म न हुआ हो , अनादि , नित्य , अविनाशी
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अजर
निर्जर, देवता
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अज्ञय
जो समझ में न आये, ज्ञानातीत, जिसको जाना न जा सके
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अज्ञेय
न जानने योग्य, जो समझ में न आ सके, बुद्धि की पहुँच के बाहर का, ज्ञानातीत, बोधागम्य
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अतिदेव
श्रेष्ठ या देवता अर्थात् विष्णु, शिव
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अतीत
बीता हुआ
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अदृश्य
जो दिखाई न दे, परोक्ष, अलख, लुप्त, ग़ायब, अंतर्धान, अलोप, ओझल
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अद्वैत
एकाकी , अकेला
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अधिष्ठाता
अध्यक्ष
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अधोक्षज
विष्णु का एक नाम
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अनंत
जिसका अंत न हो, जिसका पार न हो, असीम, बेहद, अपार
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अनादि
जिसका आदि न हो, आदि रहित, जिसका आदि या आरंभ न हो
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अमृततप
स्वर्ग आदि में रहने वाले वे अमर प्राणी जो पूज्य माने जाते हैं
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अयोनि
योनि से भिन्न
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अरविंदनयन
कमलनयन, विष्णु
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अर्क
सूर्य
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अलख
जो दिखाई न देवे
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अव्यक्त
जो स्पष्ट न हो, अप्रत्यक्ष, अगोचर
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अव्यय
सदा एकरस रहने वाला, अक्षय
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आत्मभू
पुत्र, बेटा
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आत्मयोनि
ब्रह्मा
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आदि
प्रथम , पूर्व , आरंभिक
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आदि पुरुष
परमेश्वर, ईश्वर, विष्णु
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इंद्र
इन्द्र, एक देवता जिन्हें देवताओं का राजा कहा गया है
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इंद्रावरज
दे० 'इंद्रानुज'
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ईश
स्वामी , मालिक
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ईश्वर
कलेश, कर्म विपाक, अलस पुरुष, परमेश्वर, भगवान्, मालिक, स्वामी
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उपेंद्र
इन्द्र के लघु भ्राता का नाम
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ऋतु
प्राकृतिक अवस्थाओं के अनुसार वर्ष के दो-दो महीनों के छह विभाग, मौसम
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कंसाराति
श्रीकृष्ण
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कपि
बंदर
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