वितान के पर्यायवाची शब्द
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अध्वर
प्राचीन भारतीय आर्यों का एक धार्मिक कृत्य जिसमें हवन आदि होते थे, यज्ञ, सोमयज्ञ
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अभिषव
यज्ञ में स्नान
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अहुत
जप, ब्रह्मयज्ञ, वेद-पाठ, यह मनुस्मृति के अनुसार पाँच यज्ञों में से है
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आहुत
अतिथियज्ञ, नुयज्ञ, मनुष्ययज्ञ, आतिथिसत्कार
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आहव
युद्ब, लड़ाई
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इज्या
यज्ञ
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इष्टि
इच्छा, अभिलाषा, आकांक्षा, चाह
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उत्सर
एक वृत्त का नाम
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उल्लोच
वितान, चंद्रातप, चँदोवा
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ऋत
उंछवृत्ति
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ऋतु
प्राकृतिक अवस्थाओं के अनुसार वर्ष के दो-दो महीनों के छह विभाग, मौसम
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कुंज
वह स्थान जिसके चारो औऱ घनी लता छाई हो , वह स्थान जो वृक्ष लता आदि से मंड़ा की तरह ढ़का हो —
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कूँज
क्रौंच पक्षी
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कदक
डेरा
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क्षुप
छोटी डालियोंवाला वृक्ष, पौधा, झाड़ी
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गोधूलि
वह समय जब जंगल से चरकर लौटती हुई गायों के खुरों से धूलि उड़ने के कारण धुँधली छा जाय, संध्या का समय
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चंद्रातप
चाँदनी, चंद्रिका
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जमाव
जमने का भाव
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झुरमुट
झार जंगल, घनी झाड़ी, मनुष्यों का समूह
- झुरमुट
- झाड़
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दिनांत
सायंकाल, संध्या, शाम
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दिवसावसान
दिनांत, संध्या
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दिविष्ट
यज्ञ
- प्रदोष
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प्राजापत्य
प्रजापति संबंधी
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पितृप्रसू
पिता की माता, बाप की माँ, दादी, पितामही
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फैलाव
विस्तार, प्रसार
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मख
यज्ञ
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मन्य
��पने को समझनेवाला, अपने को अमुक जैसा माननेवाला (समासांत में प्रयुक्त) जैसे पंडितंमन्य
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मन्यु
स्त्रोत्र
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मह
'महँ'
- यज्ञ
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यजति
'यज्ञ'
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याग
यज्ञ
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रजनीमुख
संध्या, सायंकाल, शाम का वक्त
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रिक्त
जिसमें अंदर का स्थान शून्य हो या जो भरा न हो , ख़ाली, शून्य, जैसे,—रिक्त घट, रिक्त स्थान
- लता
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वहि
अग्नि
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वही
उस तृतीय व्यक्ति की ओर निश्चित रूप से सकेत करनेवाला सर्वनाम, जिसके संबंध में कुछ कहा जा चुका हो, पूर्वोक्त व्यक्ति, जैसे,—(क) यह वही आदमी है जो कल आया था
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वाज
घृत, घी
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विस्तार
लंबे या चौड़े होने का भाव, फैले होने का भाव, फैलाव, जैसे—(क) इस मकान का विस्तार कम है, (ख) तुम बातों का बहुत अधिक विस्तार करते हो
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शून्य
वह स्थान जिसमें कुछ भी न हो, खाली स्थान
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शर्वरी
रात, रात्रि, रजनी, निशा
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शाम
सूर्य अस्त होने का समय , रात्रि और दिवस के मिलने का समय , साँझ , सायम् , संध्या
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शामियाना
अपेक्षाकृत बड़ा और खुला हुआ तंबू, एक प्रकार का बड़ा तंबू
- संघ
- सत्र
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स्तोम
स्तुति, प्रार्थना
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स्थान
ठहराव, टिकाव, स्थिति
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