यज्ञ के पर्यायवाची शब्द
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अध्वर
प्राचीन भारतीय आर्यों का एक धार्मिक कृत्य जिसमें हवन आदि होते थे, यज्ञ, सोमयज्ञ
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अनुष्ठान
कार्य का आरंभ, किसी काम का शुर
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अभिषव
यज्ञ में स्नान
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अहुत
जप, ब्रह्मयज्ञ, वेद-पाठ, यह मनुस्मृति के अनुसार पाँच यज्ञों में से है
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आमंत्रण
मंगल कार्यों आदि में सम्मिलित होने के लिए मित्रों, संबंधियों आदि को अपने यहाँ बुलाने की क्रिया, निमंत्रण, न्योता, बुलावा
- आवाहन
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आहुत
अतिथियज्ञ, नुयज्ञ, मनुष्ययज्ञ, आतिथिसत्कार
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आहुति
मंत्र पढ़कर देवता के लिए द्रव्य को अग्नि में डालना, होम, हवन
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आहव
युद्ब, लड़ाई
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आह्वान
किसी कार्य में सम्मिलित होने के लिए किसी को आदरपूर्वक कहने या बुलाने की क्रिया, बुलाना, बुलावा, पुकार
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इच्छा
एक मनोवृत्ति जो किसी ऐसी वस्तु की प्राप्ति की ओर ध्यान ले जाती है जिससे किसी प्रकार के सुख की संभावना होती है , कामना , लालसा , अभिलाषा , चाह , ख्वाहिश
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इज्या
यज्ञ
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इष्ट
जिसकी इच्छा की गई हो, अभिलषित, चाहा हुआ, वांछित
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इष्टि
इच्छा, अभिलाषा, आकांक्षा, चाह
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उच्चाटन
लगी या सटी हुई चीज को अलग करना, विश्लेषण
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उल्लोच
वितान, चंद्रातप, चँदोवा
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ऋत
उंछवृत्ति
- ऋतु
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कदक
डेरा
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कामना
इच्छा, हार्दिक इच्छा, मनोरथ
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खटराग
देखिए : 'षटराग'
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चंद्रातप
चाँदनी, चंद्रिका
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जमाव
जमने का भाव
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झंझट
व्यर्थ का झगड़ा, टंटा, बखेड़ा
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झमेला
बखेड़ा, झंझट, झगड़ा, टंटा
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दिविष्ट
यज्ञ
- पुकार
- पूजा
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प्राजापत्य
प्रजापति संबंधी
- प्रार्थना
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फैलाव
विस्तार, प्रसार
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बखेड़ा
उलझाव, झझट, उलझन, जैसे,— इस काम में बहुत बखेड़ा होगा
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मख
यज्ञ
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मेध
यज्ञ
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मन्य
��पने को समझनेवाला, अपने को अमुक जैसा माननेवाला (समासांत में प्रयुक्त) जैसे पंडितंमन्य
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मन्यु
स्त्रोत्र
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मह
'महँ'
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मारण
मार ड़ालना, प्राण लेना, हत्या करना
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यजति
'यज्ञ'
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याग
यज्ञ
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रिक्त
जिसमें अंदर का स्थान शून्य हो या जो भरा न हो , ख़ाली, शून्य, जैसे,—रिक्त घट, रिक्त स्थान
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ललकार
कोई काम करने के लिए तेज आवाज में बोलकर उत्साहित करने की क्रिया
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वशीकरण
वश में लाने की क्रिया, वश में करना, नियमन, निग्रह
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वहि
अग्नि
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वही
उस तृतीय व्यक्ति की ओर निश्चित रूप से सकेत करनेवाला सर्वनाम, जिसके संबंध में कुछ कहा जा चुका हो, पूर्वोक्त व्यक्ति, जैसे,—(क) यह वही आदमी है जो कल आया था
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वाज
घृत, घी
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वितान
यज्ञ
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विद्वेष
शत्रुता, दुश्मनी, वैर, द्वेष
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विस्तार
लंबे या चौड़े होने का भाव, फैले होने का भाव, फैलाव, जैसे—(क) इस मकान का विस्तार कम है, (ख) तुम बातों का बहुत अधिक विस्तार करते हो
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शून्य
वह स्थान जिसमें कुछ भी न हो, खाली स्थान
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