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1.
छ
हिंदी वर्णमाला में व्यंजनों के स्पर्श नामक भेद के अंतर्गत 'च' वर्ग का दूसरा व्यंजन जिसके उच्चारण का स्थान तालु है तथा जिसके उच्चारण में अघोष और महाप्राण नामक प्रयत्न लगते हैं, देवनागरी वर्णमाला में 'च' वर्ग का दूसरा व्यंजन जो उच्चारण की दृष्टि से तालव्य, अघोष, महाप्राण और स्पष्ट है
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2.
छोड़
छोड़नेवाला, त्यागनेवाला, जैसे, = 'रणछोड़ राय का मंदिर' में 'छोड़' शब्द
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3.
छ
अस्तित्ववाचक धातु: तालिका 1 से मिलाए रूपावली बनैछ (होने का अर्थ प्रदान करने वाली क्रियाओं में उपयोग किया जाने वाला एक प्रत्यय)
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4.
च
संस्कृत या हिंदी वर्णमाला का २२ वाँ अक्षर और छठा व्यंजन जिसका उच्चारण स्थान तालु है, यह स्पर्श वर्ण है और इसके उच्चारण में श्वास, विवार, घोष और अल्पप्राण प���रयत्न लगते हैं
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5.
छी
घृणासूचक शब्द , घिन प्रट करने का शब्द , अनादर या अरुचिव्यंजक शब्द , जैसे,—छी ! तुम्हें ऐसा करते लज्जा नहीं आती