akhanDal meaning in braj

अखंडल

अखंडल के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

अखंडल के ब्रज अर्थ

विशेषण

  • अखंड , अटूट , अविच्छिन्न

    उदाहरण
    . मनु नखत मंडल में अखंडल पूर्ण चंद्र सुहाय ।

  • सम्पूर्ण , समूचा , पूरा

    उदाहरण
    . तवा सो तपत धरा मंडल अखंडल औ मारतंड मंडल हवा सो होत भोर तें ।


पुल्लिंग

  • इंद्र , सुरपति पु

    उदाहरण
    . जाय बृजमंडल के बीच मैं अखंडल छा मरजी तिहारी मानि रह्यो बहु भाँति हैं ।

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