akhar meaning in braj
अखर के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
-
अक्षर, वर्ण
उदाहरण
. अक्खर आवै जाय अखर को ताहि ठिकाना। पल० ११० . एक अख्खर पीव का सोई सत करि जाणि। दादू I, पृ० ३२
अकर्मक क्रिया
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खल जाना , कष्ट कर होना
उदाहरण
. चह चह चिरी धुनि कह कह केकिन की घट्ट घट्ट घनसोर सुनते अखरिहै ।
संज्ञा, पुल्लिंग
- अखरने का भाव या स्थिति , बुरा लगने या दुःखदायी होने का भाव
-
जिसका क्षय न हो , अविनाशी, परमात्मा
उदाहरण
. राग रच्यो अक्खर बन लीला यह तिनको तिन भोग ।
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