anakh meaning in braj
अनख के ब्रज अर्थ
सकर्मक क्रिया, अकर्मक क्रिया, स्त्रीलिंग, अकर्मक, सकर्मक
-
झुंझलाहट , रिस, क्रोध , नाराजगी, अनिच्छा, असंतोष
उदाहरण
. अनख-भरी धुनि अलिन की बचन अलीक अमान । -
नाराज होना, रुष्ट होना, रिसाना
उदाहरण
. सूरदास यसुदा अनखानी यह जीवन धन सूर १०/३१०/२६३ उ०—पिय परतिय कुच गहत लखि लली चली अनखाइ । -
नाराज करना , अप्रसन्न करना, खिझाना
उदाहरण
. उठत सभा दिन मधि सेनापति भीर देखि फिरि आऊँ । न्हात-खात सुख करत साहिबी कैसें करि अनखाऊ ।
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
रजिस्टर कीजिएक्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा