anubhaav meaning in braj
अनुभाव के ब्रज अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- प्रभाव, महिमा, बड़ाई
- चित्त का भाव प्रकाश करने वाला कटाक्ष, रोमांच आदि चेष्टाएँ, कायिक चेष्टाएँ
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काव्य में रस के चार अंगों में से एक, वे गुण और क्रियायें जिनसे रस का बोध हो
उदाहरण
. बर बिभाव अनुभाव अरु संचारिन सों जल।
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