apasmaar meaning in braj

अपस्मार

अपस्मार के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

अपस्मार के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • मिर्गी रोग, मूर्छा
  • साहित्य में प्रेमी-प्रेमिका की वह अवस्था जिसमें विरह का बहुत कष्ट सहने के कारण मिर्गी के रोगियों की तरह काँप कर मूर्छित होकर गिर पड़े, (संचारी भाव)

    उदाहरण
    . अपस्मार मति उग्रता त्रास तक औव्याधि उन्माद मरन अविहत्य है व्यभिचारी युत-आधि।

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