aras meaning in braj
अरस के ब्रज अर्थ
विशेषण
- जिसमें रस न हो , नीरस , रसहीन
- बिना स्वाद का, फीका
- अनाड़ी, गँवार
- कमज़ोर, निर्बल
पुल्लिंग
- आलस्य
अकर्मक क्रिया
- आलस्य से युक्त होना
- ढीला मंद या शिथिल होना
अरबी ; संज्ञा, पुल्लिंग
-
आकाश
उदाहरण
. सेनापति जीवन अधार निरधार तुम, जहाँ को ढरत तहाँ टूटत अरस तें। - स्वर्ग
- बहुत ऊँचा भवन , महल
- कमरे की छत या पाटन
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हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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