arjun meaning in braj
अर्जुन के ब्रज अर्थ
संज्ञा
- एक वृक्ष जो दक्खिन से अवध तक नदियों के किनारे होता है
- पाँच पांडवों में से मॅझले का नाम ये बड़े वीर और धनुर्विद्या में निपुण थे
- हैहयवंशी एक राजा, सहस्त्रार्जुन
- सफे़द कनैल
- मोर
- आँख का एक रोग जिसमें आँख में सफ़ेद छोटे पड़ जाते हैं, फुली
- इकलौता बेटा
- उज्जवल, सफे़द
संज्ञा, पुल्लिंग
- उज्जवल, सफे़द
- शुभ्र, स्वच्छ
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