ashTak meaning in braj
अष्टक के ब्रज अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- आठ वस्तुओं का समूह
- वह स्तोत्र या काव्य जिसमें आठ श्लोक या आठ छंद हों, जैसे-रुद्राष्टक, गंगाष्टक
- मनु के अनुसार एक गण जिसमें पैशुन्य, साहस, द्रोह, ईर्ष्या, असूया, अर्थदूषण, वाग्दंड और पारुष्य ये आठ अवगुण हैं
- आठ ऋषियों का एक गण, उपाटत
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