ath meaning in braj
अथ के ब्रज अर्थ
- ग्रन्थारम्भ में प्रयुक्त होने वाला शब्द , इसका विलोम ‘इति' है जो ग्रन्थ के अन्त में प्रयुक्त होता है
- पश्चात् , तदनन्तर
- अब
अकर्मक क्रिया, अकर्मक
-
अस्त होना, डूबना
उदाहरण
. चहुँ-फल-भवन, गह्यौ, सारंग-रिपु-बाजि धरा - कम होना
-
समाप्त हो जाना
उदाहरण
. अथए नछत्र ससि, अथई न तेरी रिस ।
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