baa.nk meaning in braj
बाँक के ब्रज अर्थ
- बेसिर-पैर की बात कछु
- बकत हैं आजु हरि के० I, ४४/
विशेषण, स्त्रीलिंग
-
वक्रता , टेढ़ापन ; चूड़ी विशेष ; चाँदी का आभूषण विशेष
उदाहरण
. विछिया अनोटा बाँक सुखमा की बारी सी । - गन्ना छीलने का सरौते के आकार का एक उपकरण ; कटारी विशेष
-
घुमावदार , वक्र
उदाहरण
. तहाँ इंद्रपीनाक सी बाँक भौंहैं ।
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