भास

भास के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

भास के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • दे० 'प्रभा' ; मयूख ; इच्छा; गोशाला ; कुक्कुट ; गद्ध ; शकुंत पक्षी, ८. स्वाद, ९. असत्य ज्ञान , १०. पर्वत विशेष , ११. आवाज

    उदाहरण
    . –संग नारि बहुँ आसपास मुरली अमृत करति


अकर्मक क्रिया, अकर्मक

  • ज्ञात होना , मालूम होना

    उदाहरण
    . बिभौ को भंडार औ भलाई को भवन भास भाग भरे नाल जयसिंह भुवपाल है ।

  • प्रकाशित होना , सुशोभित होना

    उदाहरण
    . तेग ही त्याग बली सिवराज भो भूषण भाषत बंधु सुधा के ।

  • लिप्त होना; लीन होना

    उदाहरण
    . यह मत दै गोपिनि को आवहु बिरह नदी मैं

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