भग

भग के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

भग के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • ऐश्वर्य , विभूति जो छः प्रकार की है, यथा-ऐश्वर्य, धर्म, यश, लक्ष्मी, ज्ञान और योनि ; योनि के सहस्र चिह्न जो अहल्या के शाप से इंद्र के शरीर पर बन गये थे

    उदाहरण
    . सुरन मध्य सुरराज देह ते भग पाछो नहि बो० पृ० ३६

  • स्त्री की जननेंद्रिय , योनि

    उदाहरण
    . अंग भग मंडित भयो ।

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