बीर

बीर के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

बीर के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • योद्धा।; पुत्र ।; लड़का ।; पति ; भाई ; विष्णु ; साहित्य के नौ रसों में से एक, ८. तंत्रानुसार साधना के तीन भावों में से एक , ९. कार्यकुशल व्यक्ति , १०. यज्ञाग्नि , ११. सीगिया विष , १२. काली मिर्च , १३. कलाई का आभूषण , १४. चरागाह १५. प

विशेषण, स्त्रीलिंग

  • बहादुर , साहसी, वीर

    उदाहरण
    . कंप नहि पांव घरै नहि धीर, टरै न तहाँ ठठियालपि बीर ।

  • सखी

    उदाहरण
    . आय बीर चित चोरनवारी, लग मोहि प्रानन ते प्यारी ।

  • आभूषण जिसे स्त्रियाँ कान में पहनती है , ( यह गोल चक्राकार होता है और इसका ऊपरी भाग ढलुआ और उठा हुआ होता है तथा दूसरी ओर खूटी होती है )

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