घोष

घोष के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

घोष के ब्रज अर्थ

अकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, अकर्मक

  • अहीरों की बस्ती ; अहीर

    उदाहरण
    . घोष जन दृग करषि करन पंगे ।

  • गोशाला; तट , किनारा; स्वर , नाद

    उदाहरण
    . बात बात ही मै मंजु घोष बरसति है ।

  • कोलाहल , शोर

    उदाहरण
    . होन लग्यो ब्रज गलिन में, हुरिहारन को घोष ।

  • जाना, फैलना

    उदाहरण
    . राधे रूप की घटा घोषत चात्रिग मदन गोपाल ।

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