kaayavyuuh meaning in braj
कायव्यूह के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
- देह में बात, पित्त, कफ तथा त्वचा रुधिर, मांस, स्नायु, अस्थि, मज्जा, शुक्र के स्थान और विभागदि क्रम
- स्वकर्म भोगार्थ योगियों द्वारा चित्त में एक-एक इन्द्रिय और अंग की कल्पना करने की क्रिया
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