कचक

कचक के अर्थ :

कचक के ब्रज अर्थ

सकर्मक क्रिया, स्त्रीलिंग, सकर्मक

  • दब जाने से लगी चोट , कुचल जाने से लगी चोट ; ठेस
  • कुचलना

    उदाहरण
    . टूटि गे पहार बिकरार भुव-मंडल के सेष के सहसफन कच्छप कचकि के ।

  • ठस लगना

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हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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