पंचाग्नि

पंचाग्नि के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत
  • अथवा - पँचाग्नि, पंजाग्नि, पंचागिनि, पँचागिनि

पंचाग्नि के ब्रज अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक विशेष प्रकार की तपस्या, जिसमें तपस्या करने वाला अपने चारों ओर अग्नि जलाकर दिन में धूप में बैठा रहता है

    उदाहरण
    . पंचागिनि ज्वाला जोग संजम सुरति है।


विशेषण

  • पाँच प्रकार की अग्नियों का आधान करनेवाला

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