पसर

पसर के अर्थ :

  • अथवा - पसा

पसर के ब्रज अर्थ

अकर्मक क्रिया

  • आगे की ओर बढ़ना, फैलना
  • अधिक जगह घेरते हुये बैठना या लेटना

संज्ञा, पुल्लिंग

  • रात के समय पशुओं को चराने की क्रिया
  • चरागाह ; आक्रमण , चढ़ाई

    उदाहरण
    . पहिली पसर रनेही टूट्यो ।

  • अंजलि ; विस्तार , फैलाव ; मुट्ठी

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