viraj meaning in braj

विरज

विरज के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

विरज के ब्रज अर्थ

विशेषण

  • निरभिमान
  • दोष शून्य
  • मिर्मल, स्वच्छ, साफ़
  • गुण रहित

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • वह नारी जिसको मासिक धर्म न होता हो

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