बरण

बरण के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

बरण के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पूजा में रक्खी जाने वाली सिक्कों की भेंट

संज्ञा, पुल्लिंग

  • रंग, वर्ण, हरी कोशि मरचै कि साँवलो वरण लाल मेरि पैसि तारि दे तु कपू रे भनारि लाल' (झोड़ा गीत)

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हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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