-
1.
चौँ
क्यों, किसलिये
-
2.
चौंक
वह चंचलता जो भय, आश्चर्य या पीड़ा के सहसा उपस्थित होने पर हो जाती है, एका-एक डर जाने या आश्चर्य में पड़ जाने के कारण शरीर का झटके के साथ हिल उठना और चित्त का उचट जाना, झिझक, भड़क
-
3.
चौं
चार-घामो, चार बार घाम या धूप में सुखाया गया अन्न, बाट- चतुष्पथ, जहाँ पर चार रास्ते आकर मिलते हों, फाट-फटकर जिसके चार भाग हुए हों, चौतरा-चबूतरा
-
4.
चौंकना
भय या पीड़ा के सहसा उपस्थित हो जाने से चंचल हो उठना, एका-एक डर जाने या पीड़ा आदि अनुभव करने पर झट से काँप या हिल उठना, झिझकना
-
5.
चौर
पशुओं को खिलाने की घास, चारा, भूसी, खली आदि से बना भोजन