चिर

चिर के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

चिर के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • चीर, चीर कर किए गए कपड़े के टुकड़े, किसी फल के कटे हुए लम्बे टुकड़े जैसे- 'काकड़ा चिर' ककड़ी के लम्बे टुकड़े, 'जै घड़ि समजि पड़ो कलेजिक चिर'-जब याद आती है तो कलेजे के टुकड़े-टुकड़े हो जाते हैं

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • कम लम्बा वस्त्र खंड, फटा-पुराना कपड़ा, होली की चीर, वह तिब्बतियों की सी रंग-बिरंगी पतली- पतली कपड़े में टुकड़ों के रूप में बनी पताका झंडी होती थीं, प्रत्येक गांव की पृथक चीर (ध्वजा) होती थी; होली के अवसर पर एक गाँव की चीर दूसरे गांव के लोग उड़ा ले जाने

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