पटक

पटक के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

पटक के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • पटकने की क्रिया या भाव, इसी पटक शब्द के मूल पट् से पाटच्चर शब्द बना है, जिसका अर्थ है- चिथड़ा, फटा-पुराना कपड़ा, मूलतः टाट आदि, जिस पौधे के रेशे से बनने हैं- वह जूट का पौधा भी पाट कहलाता है

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