स्वस्ति

स्वस्ति के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

स्वस्ति के कुमाउँनी अर्थ

अव्यय

  • पुरानी परम्परा के पत्रों के आरम्भ में स्वस्ति श्री (शुभ हो श्री) यह आशीर्वचन अपने समान या अपने से छोटों को लिखा जाता था; ब्राह्मण-क्षत्रिय या वैश्य के अभिवादन के उत्तर में स्वस्ति कहता था

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