1.
                                            बर्फ़
                                        
                                    
                                        हवा में मिली हुई भाप के अत्यंत सूक्ष्म अणुओं की तह जो वातावरण की ठंढक के कारण आकाश में बनती और भारी होने के कारण जमीन पर गिरती है ,  पाला ,  हिम ,  तुषार ,  विशेष—गिरते समय यह प्रायः रुई की तरह मुलायम होती है और जमीन पर गिरकर अधिक ठंढक के कारण जम जाती है ,  जमने से पहले यदि चाहें तो इसे एकत्र करके ठोस गोले आदि के रूप में भी बना सकते हैं ,  जमने पर इसका रंग बिलकुल सफेद हो जाता है ,  ऊँचे पहाड़ों आदि पर प्रायः सरदी के दिनों में यह अघिकता से गिरती है और जमीन पर इसकी छोटी मीटी तहे जम जाती हैं जिन्हें पीछे से फावड़े आदि से खोदकर हटाना पड़ता है ,  क्रि॰ प्र॰—गलना , —गिरना , —पड़ना