ढरक

ढरक के अर्थ :

ढरक के मगही अर्थ

संज्ञा

  • (ढाल) ढलकने या दुलकने का भाव; रीझने, प्रसन्न होने की हालत; उतार, ढलकाँव या नीचे की ओर झुकने या नमने की स्थिति

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