मुँह

मुँह के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

मुँह के मगही अर्थ

  • प्राणियों के खाने-पीने और बोलने का अंग; चूल्हे में ईंधन झोकने का छेद; कोठी,ठेध आदि से अन्न बाहर गिराने का छेद; भभका, आन; बरतन तथा बर्तननुमा अन्य पदार्थ का खुला भाग, जिससे उसका उपयोग होता है; छेद, सुराख, बिल; खुलने या निकलने की दिशा, यथा: पूरब मुंह के घर

  • कलंक; बदनामी; बेइज्जती, किसी को कलंकित करने का काम

  • खोटी या ओछी बात बोलने वाला
  • अपशब्द या अशिष्ट कथन करने वाला, खरी खोटी सुनाने वाला

  • मुँह दुबरई, दे. 'मुँहचोर'

  • मुँह दुबरई, दे. 'मुँहचोर'

  • नववधु का मुह देखने का रस्म , दे. 'मुँहछुआई'

  • नि:संकोच बोलने वाला, जो किसी की बात का तुरत जवाब , दे. 'मुँहफट'

  • खाद्य पदार्थ उपलब्ध रहने पर भी न खाना

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