छोड़

छोड़ के अर्थ :

छोड़ के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • चढ़ाई, चढ़ाव,

क्रिया

  • छोड़ना अलग करना, सं.- हरे चने का पौधा तथा उसका फल,

विशेषण

  • दीपावली पर की जाने वाली गौ -क्रीड़ा। इसमें शृंगारित गाय के सम्मुख तिकोने डण्डे पर लपेटा हुआ चमड़ा लगाया जाता है। ढोल बजने एवं फराके छोड़ने से गाय चमकती है और अपने नुकीले सींगों से उस छोड़ नामक आकृति को बेध डालती है। इसे छोड़ क्रीड़ा कहा जाता है।

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हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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