संजा

संजा के अर्थ :

संजा के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग, स्त्रीलिंग

  • श्राद्ध पक्ष में कुमारियों द्वारा बनाये जाने वाले भित्ति चित्र, चित्रांकन।

  • संध्या, शाम, शाम के समय आकाश का लाल होना, साँझ, साँझी, श्राद्ध पक्ष में शाम के समय सोलह दिन तक दीवाल पर गोबर से स्वस्तिक, बेलबूटे आदि बनाए जाते हैं।

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