aa meaning in kumaoni
आ के कुमाउँनी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- देवनारी वर्णमाला का दूसरा (स्वर) वर्ण, उच्चारण के लिए विवृत पश्च स्वर
सकर्मक क्रिया
- आना, आने के लिए आदेशात्मक शब्द
आ के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
-
हिंदी वर्णमाला का दूसरा अक्षर जो 'अ' का दीर्घ रूप है
उदाहरण
. आ का प्रयोग विशेषता आदि प्रदान करने के लिए उपसर्ग के रूप में होता है।
प्रत्यय, अव्यय
- आपूर्वप्रत्यय के रूप में प्रयुक्त होने वाला वर्ण जो शब्दों के साथ संयुक्त होकर निम्नलिखित विशिष्टताएँ उत्पन्न करता है- (अ) 'तक' या 'पर्यंत', जैसे- आक्षितिज, आकंठ आदि (ब) 'आदि' से 'अंत' तक, जैसे-आमरण, आजन्म आदि (स) 'अधिक', 'लगभग' आदि का सूचक, जैसे- आरोहण, आभूषण, आभार आदि
- कुछ शब्दों में विपरीत होने का अर्थबोधक बनता है, जैसे-आरोग्य, आगमन आदि
- प्रत्यय के रूप में 'युक्त' और 'वाला' का अर्थ देता है, जैसे- दोमंज़िला, दोमुँहाँ आदि
- प्रत्यय जो विशेषण तथा संज्ञा के रूप में लगकर स्त्रीलिंग रूप बनाता है, जैसे- शिष्य से शिष्या, कमल से कमला आदि
उपसर्ग
- यह प्राय: गत्यर्थक धातुओं के पहले लगता है औऱ उनके अथों में कुछ थोड़ी सी विशेषता कर देता है; जैसे—आपाता, आघूर्णन, आरोहण, आकंपन, आघ्राण, जब यह 'गम' (जाना) 'या' (जाना), 'दा' (देना) तथा 'नी' (ले जाना) धातुकों के पहले लगता है, तब उनके अर्थों को उलट देता है; जैसे 'गमन' (जाना) से आगमन (आना), 'नयन' (ले जाना) से 'आनयन' (लाना), 'दान' (देना) से 'आदाम' (लेना)
संज्ञा, पुल्लिंग
- ब्रह्मा, पितामह
आ के अंगिका अर्थ
प्रत्यय
- आपूर्वप्रत्यय के रूप में प्रयुक्त होने वाला वर्ण जो शब्दों के साथ संयुक्त होकर निम्नलिखित विशिष्टताएँ उत्पन्न करता है- (अ) 'तक' या 'पर्यंत', जैसे- आक्षितिज, आकंठ आदि (ब) 'आदि' से 'अंत' तक, जैसे-आमरण, आजन्म आदि
- हिंदी वर्णमाला का दूसरा स्वर वर्ण जो अ का दीर्घ रूप है
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- बच्चों को पुकारे या बुलाने का शब्द
आ के कन्नौजी अर्थ
- देवनागरी वर्णमाला का दूसरा (स्वर) वर्ण और ‘अ’ का दीर्घ रूप
आ के गढ़वाली अर्थ
अव्यय
- देवनागरी वर्णमाला का दूसरा स्वर वर्ण
सकर्मक क्रिया
- बुलाने का आदेश, आने का निर्देश, आना क्रिया का आदेशात्मक (रूप)
Inexhaustible
- the second vowel of Devanagari alphabet
Transitive verb
- imperative form of come
आ के बज्जिका अर्थ
अव्यय
- और
आ के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- हिंदी वर्णमाला देवनागरी लिपि का दूसरा स्वर वर्ण, यह अ का दीर्घ रूप है, अ. स्वीकार, अनुकम्पा, दया, वाक्य समुच्चय, अल्प, सीमा, हद्द, व्याप्ति और अतिक्रमण आदि अर्थ-सूचक अव्यय शब्द, (उपसर्ग) क्रिया से पूर्व प्रयुक्त होने पर-पास, ओर, चारों ओर, आदि अर्थो को प्रकट करता है, गत्यर्थक धातुओं से पूर्व प्रयुक्त होने पर धात्वर्थ को उलट देता है जैसे-गमन, देना, लेना इत्यादि,
- पितामह, शिव आदि
आ के ब्रज अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- देवनागरी वर्णमाला का द्वितीय स्वर
विशेषण
-
अनमना, बीमार, रोगी
उदाहरण
. आगु अनरसेहि भोर के पय पियत न नीके ।
सकर्मक क्रिया
- बार-बार पलक गिराना
अकर्मक क्रिया
- आना
आ के मगही अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- 'अ' के बाद का स्वर वर्ण, 'आ', दीर्घ अ
आ के मैथिली अर्थ
- वर्णमाला का दूसरा अक्षर
पूर्वसर्ग
- सीमा और विस्तार सूचक उपपद, —आजीवन, आमरण, मरणपर्यंत
समुच्चयबोधक
- और
- 2nd letter of alphabet.
Preposition
-
Denotes limit and span
उदाहरण
. आजीवन
Conjunction
- and
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