aalhaa meaning in bundeli
आल्हा के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- सावन में गाया जाने वाला गीत-आल्हा,
आल्हा के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- १० ३१ मात्रओं के एक छंद का नाम जिसे वीर छंद भी कहते हैं , इसमें १६ मात्राओं पर विराम होता है , जैसे, — सुमिरि भवानी जगदंबा कौ श्री सारद के चरन मनाय , आदि सरस्वति तुमका ध्यावें माता कंठ बिराजौ आय
- महोबे के एक पुरूष का नाम जो पृथ्वीराज के समय में था
- बहुत लंबा चौड़ा वर्णन
आल्हा से संबंधित मुहावरे
आल्हा के अवधी अर्थ
संज्ञा
-
प्रसिद्ध योद्धा जिसका इतिहास आल्हा नामक वीर गाथा में वर्णित है, आल्हा-ऊदल (जिसे कभी-कभी रूदल भी कहते हैं), दोनों सगे भाई, बच्चे प्राय: गाते हैं
उदाहरण
. ढोलि बजाओ आल्हा गाओ, माठा पाओ पी लइ जाओ - आल्हा वर्षा काल में ही प्राय: गाया जाता है और इसके साथ ढोल बजता है
आल्हा के कन्नौजी अर्थ
आला
संज्ञा, विशेषण, पुल्लिंग
- ऊँचा, बड़ा
-
आल्हखण्ड के अनुसार जस्सराज और देवल देवी का पुत्र, ऊदल का बड़ा भाई. 1. पृथ्वीराज के समकालीन महोबा नरेश परमार्दिदेव के सेनापति और अपने समय के उद्भट योद्धा और वीर आल्हखण्ड के अनुसार महाभारत के युधिष्ठिर ने ही आल्हा के रूप में जन्म लिया था
उदाहरण
. धरमराज नइँ जनमु लियो तब, आल्हा नामु गयो कहलाइ. (आ०) - वह वीरगाथा जिसमें आल्हा-ऊदल की लड़ाइयों का वर्णन है. 3. उक्त वीरगाथा का छन्द वीर छंद, जिसमें 16-15 मात्राएँ होती हैं
आल्हा के मगही अर्थ
संज्ञा
- पृथ्वीराज के समकालीन महोबा के सरदार तथा ऊदल के भाई; जगनिक द्वारा रचित इस नाम का एक वीर-रस प्रधान काव्य ग्रंथ; आल्हा की धुन पर मगही में प्रचलित एक धुन (पुंडरीक ग्रंथावलि)
आल्हा के तुकांत शब्द
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