aanandbhairav meaning in braj
आनंदभैरो के ब्रज अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
आनंदभैरव नामक औषध
उदाहरण
. अतीसार पर रस कर आनंदभैरो तरि।
आनंदभैरो के हिंदी अर्थ
आनंदभैरव
संज्ञा, पुल्लिंग
- शिव का एक नाम
-
वैद्यक में एक रस का नाम जो प्रायः ज्वरादि की चिकित्सा में काम आता है
विशेष
. इसके बनाने की यह रीति है—शुद्ध पारा और शुद्ध गंधक की कजली, शुद्ध सिंगी मुहरा, सिंगरफ, सोंठ, काली मिर्च, पीपल, भूना सुहागा, इन सबका चूर्ण कर भैगरैया के रस में तीन दिन खरल कर आध-आध रत्ती की गोलियाँ बनाएँ। एक गोली नित्य दस दिन पर्यंत खिलाने से खाँसी, क्षय, संग्रहणी, सन्निपात और मृगी के सब रोग नष्ट हो जाते हैं।उदाहरण
. आनंदभैरव कृशता में उपयोगी औषधि है।
आनंदभैरव के तुकांत शब्द
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