aa.nkh meaning in kumaoni
आँख के कुमाउँनी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- आँख
आँख के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun, Feminine
- an eye
- the eye of a needle: the sprout at the joint of a sugarcane
आँख के हिंदी अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग
- आँख का दृष्टि-क्षेत्र या दृष्टि-सीमा या जहाँ तक आँख से देखा जा सकता हो
-
वह इंद्रिय जिससे प्राणियों को रूप अर्थात् वर्ण, विस्तार तथा आकार का ज्ञान होता है, देखने की इंद्रिय, चक्षु, नयन, नेत्र
विशेष
. मनुष्य के शरीर में यह एक ऐसी इंद्रिय है, जिस पर आलोक के द्वारा पदार्थों का बिंब खिंच जाता है। जो जीव आरोह नियमानुसार अधिक उन्नत हैं, उनकी इंद्रियों की बनावट अधिक पेचीली और जटिल होती है, पर क्षुद्र जीवों में इनकी बनावट बहुत सादी, कहीं-कहीं तो एक बिंदी के रूप में होती है उन पर रक्षा के लिए पलक और बरौनी इत्यादि का बखेड़ा नहीं होता। बहुत क्षुद्र जीवों में चक्षुरिंद्रिय की जगह या संख्या नियत नहीं होती। शरीर के किसी स्थान में एक, दो, चार, छः बिंदियाँ-सी होती हैं जिनसे प्रकाश का बोध होता है। मकड़ियो की आठ आँखें प्रसिद्ध हैं। रीढ़वाले जीवों की आँखें खोपड़े के नीचे गड्ढों में बड़ी रक्षा के साथ बैठाई रहती हैं और उन पर पलक और बरौनी आदि का आवरण रहता है। वैज्ञानिकों का कथन है कि सभ्य जातियाँ वर्णभेद अधिक कर सकती हैं और पुराने लोग रंगों में इतने भेद नहीं कर सकते थे। आँख बाहर से लंबाई लिए हुए गोल तथा दोनों किनारों पर नुकीली दिखाई पड़ती है। सामने जो सफे़द काँच की सी झिल्ली दिखाई पड़ती है उसके पीछे एक और झिल्ली है जिसके बीचोबीच एक छेद होता है। इसके भीतर उसी से लगा हुआ एक उन्नतोदर काँच के सदृश पदार्थ होता है जो नेत्र द्वारा ज्ञान का मुख्य कारण है क्योंकि इसी के द्वारा प्रकाश भीतर जाकर रेटिना पर के ज्ञानतंतुओं पर कंप या प्रभाव डालता है। -
(लाक्षणिक) मनोभाव व्यक्त या सूचित करने वाली भंगिमा, रंग-ढंग, संचालन आदि के विचार से उक्त इंद्रिय या उसके द्वारा होने वाला कार्य या व्यापार
विशेष
. स्तनपायी जीवों के सिर के सामने भाग में माथे या ललाट के नीचे और नाक के ऊपर दोनों ओर कुछ संबोतरी दो आँखें होती है। बीच का सारा काला भाग और उसके चारों ओर का सफे़द भाग दोनों मिलकर डेरा कहलाते हैं। बड़े काले भाग को पुतली और उसके ठीक बीच की बिंदी को तारा या तिल कहते हैं। प्रकाश की सहायता से तारे और पुतली पर बाहरी पदार्थों का जो प्रतिबिंब पड़ता है उसका परिज्ञान अंदर के संवेदन सूत्रों के द्वारा मस्तिष्क को होता है। इसी को (चीज़) दिखाई देना कहते हैं। डेले के ऊपर और नीचे चमड़े के जो आवरण या परतें होती हैं उन्हें पलकें कहते हैं और उन पलकों के आगे वाले बालों की पंक्ति बरौनी कहलाती है। निम्न कोटि के जीवों में आँखों की संख्या 4, 6 या 8 तक भी होती है। उनमें इनकी ऊपरी बनावट भी कुछ प्रकार की भिन्न होती है और वे शरीर के भिन्न-भिन्न भागों में स्थिर होती हैं। -
ध्यान, लक्ष्य
उदाहरण
. उनकी आँख बुराई ही पर रहती है। - वह इंद्रिय जिससे प्राणियों को रूप, वर्ण, विस्तार तथा आकार का ज्ञान होता है
- विचार, विवेक
-
परख, शिनाख़्त
उदाहरण
. राजा के आँख नहीं कान होता है। . उसके आँख नहीं है; वह क्या सौदा लेगा। -
कृपा दृष्टि, दया भाव
उदाहरण
. अब तुम्हारी वह आँख नहीं रही। -
संतति, संतान, लड़का वाला
उदाहरण
. मेरे लिए तो दोनों आँखे बराबर हैं। . एक आँख फूटती है तो दूसरी पर हाथ रखते हैं। . सोगिन मर गई, आँख छोड़ गई। (अर्थात् जब एक लड़का मर जाता हे तब दूसरे की देखकर धीरज धरते हैं और उसकी रक्षा करते हैं।) -
बीज आदि में वह स्थान जहाँ से अंकुर निकलता है
उदाहरण
. आलू में कई आँखें होती हैं । -
वह इंद्रिय जिससे प्राणियों को रूप, वर्ण, विस्तार तथा आकार का ज्ञान होता है
उदाहरण
. मोतियाबिंद आँख की पुतली में होने वाला एक रोग है । - आँख का दृष्टि-क्षेत्र या दृष्टि-सीमा या जहाँ तक आँख से देखा जा सकता हो
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
- आँखों के आकार का छेद या चिह्न, प्रालू के उपर के नखाक्षत के समान दाग़, ईख की गाँठ पर की ठोंठी जिसमें से पत्तियाँ निकलती हैं, अनन्नास के उपर के चिह्न या दाग़, बीज आदि में वह स्थान जहाँ से अंकुर निकलता है, सूई का छेद
आँख के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएआँख के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएआँख से संबंधित मुहावरे
आँख के अंगिका अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- चक्षु, नेत्र, दृष्टि, ध्यान, विवेक, कृपा सुई का छिद्र, ईख, आलू इत्यादि में वह स्थान जहाँ से अखुआ निकलता है
आँख के कन्नौजी अर्थ
आँखि, आँखी
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- आँख, नेत्र, रूपबोध करने की इन्द्रिय
- ईख की गाँठ पर की नोंक, जिससे अँखुआ निकलता है
आँख के गढ़वाली अर्थ
आंख, आंखा
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- नेत्र, नयन
Noun, Feminine
- eye
आँख के बज्जिका अर्थ
संज्ञा
- नेत्र, नयन
आँख के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
-
नेत्र
उदाहरण
. आँखन देखत, आँख भेदकें, आँखन हित, आँख भरकें देखा, आँख-आँख भटकावो, आँख-टैया सी आँखे।
आँख के ब्रज अर्थ
आँखि, आख
स्त्रीलिंग
- नेत्र, नयन, चक्षु
आँख के मगही अर्थ
हिंदी ; संज्ञा
- ज्ञानेन्द्रिय जिससे वस्तुओं के रूप का ज्ञान होता है
- आलू, ईख आदि में अंकुर निकलने की जगह
- बाँस बेंत आदि के पोर की गांठ पर का चिह्न
- सूई आदि में सूत पिरोने का छेद
- आँख जैसा कोई अन्य छेद
- दृष्टि
- विवेक
आँख के मालवी अर्थ
- आँखें, नैन, नयन, दृष्टि, नजर, ध्यान
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- चलनी, चलना, गाड़ी का धुरा
आँख के तुकांत शब्द
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