आर्द्रा

आर्द्रा के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

आर्द्रा के ब्रज अर्थ

स्त्रीलिंग

  • एक नक्षत्र जो प्रायः आषाढ़ में पड़ता है और साधारणतः जिसमें वर्षा आरंभ होती है
  • एक वर्णवृत्त जिसके पहले और चौथे चरण में जगण, तगण, जगण और दो गुरु और दूसरे तथा तीसरे चरणों में दो तगण, जगण और दो गुरू होते हैं

आर्द्रा के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • सत्ताईस नक्षत्रों में छठा नक्षत्र , विशेष—ज्योतिषियों ने इस पद्माकर लिखा है, पर कोई इसे मणि के आकार का भी मानते हैं , इस नक्षत्र में केवल एक ही उज्वल तारा है
  • वह समय जब सूर्य आर्दा नक्षत्र का होता है , प्राय:आषाढ़ के आरंभ में यह नक्षत्र उगता है , इसी नक्षत्र से वर्षा का आरंभ होता है , किसान इस नक्षत्र में धान बोते हैं , उनका विश्वास है कि इस नक्षत्र में धान अच्छा होता है

    उदाहरण
    . आर्दा धान पुनर्बसु पैया । गा किसान जब बोया चिरैया (शब्द॰) । ३

  • ११ अक्षरों का एक वर्णवृत्त जिसके पहले और चौथे चरण में जगण, तगण, जगण और दो गुरु (ज त ज ग ग) दूसरे और तीसरे चरण में दो तगण, जगण और दो गुरु (त त ज ग ग) होते हैं , वृत्ति उपजाति के अंतर्गत है

    उदाहरण
    . साधो भलो योगन पै बढ़ाओ । खड़े रहो क्यों न त्वचै पचाओ । टीके सु छापे बहुतै लगाओ । वृथा सबै जो हरि को न गाओ (शब्द॰) ।

  • अदरक , आदी
  • अतीस

आर्द्रा के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

आर्द्रा के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • छठम नक्षत्र

Noun

  • 6th constellation. See T. III.

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