अबध

अबध के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

अबध के ब्रज अर्थ

विशेषण

  • जो बंधा न हो, आबद्ध

  • दे० 'अबाध्य'

  • [अवध्य दे० 'अवध्य'

    उदाहरण
    . तब ही अबध जानि के राख्यौ मन्दोदरि समझाइ।


स्त्रीलिंग

  • (अवधि) दे० 'अबधि'

स्त्रीलिंग

  • दे० 'अवध'

विशेषण

  • (अवधूत) अज्ञानी , अबोध , मूर्ख , पं० दे० 'अवधूत'

अबध के हिंदी अर्थ

विशेषण

  • जिसे मारना उचित न हो

    उदाहरण
    . तौकौं अबध कहत सब कोऊ तातैं सहियत बात। बिना प्रयास मारिहौं ताकौं, आजु रैनि कै प्रात।

  • जो रोका न जा सके, अबाध्य, निर्बाध

    उदाहरण
    . भरे भाग अनुराग लोग कहै राम अबध चितबन चितई हैं।

अबध के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • अयोध्या, अवध क्षेत्र, अयोध्या नगर

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