achheh meaning in braj
अछेह के ब्रज अर्थ
विशेषण
- छेद या दोष-रहित
-
अखण्ड , निरन्तर , लगातार
उदाहरण
. बरवस मेह अछेह अति अवनि रही जलपूरि। पथिक तऊ तुव गेह तें, उठति अभूरनि धूरि । अछूप। एक समान। -
बहुत अधिक , अत्यंत
उदाहरण
. दरसि छोरि पिय पग परसि आदर कियो अछेह । -
अनिष्टकर
उदाहरण
. देह मैं अछेह विष विषम बगार हैं ।
पुल्लिंग
-
दोष , कुटेव
उदाहरण
. होत सुगसुगी टोल में, क्यों कर मिटै अछेह ।
अछेह के हिंदी अर्थ
विशेषण
-
अखंडय, निरंतर, लगातार
उदाहरण
. यौं बिजुरी मनु मेह, आनि इहाँ बिरहा धरे । आठौं जाम अछेह, दृग जु बरत बरसत रहत । -
अनंत, बहुत अधिक अत्यंत, ज्यादा
उदाहरण
. धरे रूप गुन को गरबु फिरै अछेह उछाह । . दरस दौरि पिय पग परसि, आदर कियो अछेह ।
अछेह के तुकांत शब्द
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