achitya meaning in braj
अचित्य के ब्रज अर्थ
विशेषण
- जिसका चिन्तन न हो सके, जो ध्यान में न आ सके, अज्ञेय, कल्पनातीत
- बिना सोचा-विचारा
-
चिता-रहित , निश्चित
उदाहरण
. २–आसन समूचो ऊँचो औचक ही ऐचि लियो देव ह अचित्य चेति चिता च्च गई ।
पुल्लिंग
- एक अलंकार जिसमें अविलक्षण या साधारण कारण से विलक्षण कार्य की उत्पत्ति कही जाती है
- वह जो चितन से परे हो, ईश्वर
अचित्य के तुकांत शब्द
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